सोमवार, 26 फ़रवरी 2018


जो तेरा रूप है.

सोना सा,
ये जो धूप है.
भाए मुझे,
जो तेरा रूप है.

यादें...
जैसे ठंडी हवाएँ.
आए – जाए,
कभी हँसाए ये कभी रुलाये.

वो अदायें, हाय ....
गुस्साना और मान जाना तेरा.
तू पास नहीं तो क्या...
रहूँगा हमेशा, दीवाना तेरा.


कभी बातें न करके ,
अन्दर ही अन्दर तड़पावे तू.
मुझसे दूरियाँ बनाके,
हाँ बता जरा, खुद को भी क्यूँ तड़पावे तू.

जाने न कोई,
दिल मेरा क्या कह रहा.
हाँ तू ही मेरी,
किस्मत जो ऊपर वाला लिख रहा.

सोना सा,

ये जो धूप है.
भाए मुझे,
जो तेरा रूप है.




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