जो तेरा रूप है.
सोना सा,
ये जो धूप है.
भाए मुझे,
जो तेरा रूप है.
यादें...
जैसे ठंडी हवाएँ.
आए – जाए,
कभी हँसाए ये कभी रुलाये.
वो अदायें, हाय ....
गुस्साना और मान जाना तेरा.
तू पास नहीं तो क्या...
रहूँगा हमेशा,
दीवाना तेरा.
कभी बातें न करके ,
अन्दर ही अन्दर तड़पावे तू.
मुझसे दूरियाँ बनाके,
हाँ बता जरा, खुद
को भी क्यूँ तड़पावे तू.
जाने न कोई,
दिल मेरा क्या कह रहा.
हाँ तू ही मेरी,
किस्मत जो ऊपर वाला लिख रहा.
सोना सा,
ये जो धूप है.
भाए मुझे,
जो तेरा रूप है.
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