सोमवार, 26 फ़रवरी 2018


मैं


मैं एकांत हूँ,
इसलिए मैं स्वतंत्र हूँ.
मैं मौन हूँ,
मैं स्वं ही मुग्ध–मंत्र हूँ।

रचनात्मक हूँ
यद्द्पि मैं जीर्ण शीर्ण हूँ.
मैं खुश हूँ,
क्योंकि मैं सम्पूर्ण हूँ.

मैं प्यार हूँ,
मैं पानी की धार हूँ,
मैं प्रकाश हूँ,
मैं जिन्दगी की आश हूँ।

मैं हंसी हूँ,
मैं मज़ाक हूँ।
मैं सबकुछ हूँ
और मैं ही खाक हूँ।



-*-*-*-*-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

C-7a: Pedagogy of social science [ B.Ed First Year ]

1. माध्यमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए आपके द्वारा चुने गए विषय का क्षेत्र क्या है ? उदाहरण सहित व्याख्या करें। माध्यमिक स्तर पर पढ़ाने के लिए हम...