.......चम्पा को बचाना है.......
हम सब ने ये ठाना है।
चम्पा को बचाना है ॥
निर्मल हो इसकी धारा,
अब कोई कूड़ा - कचरा,
इसमें ना गिरना है ।
हम सब ने ये ठाना है।
चम्पा को बचाना है॥
भागलपुर की धरती हो हरी भरी,
आओ एक- एक मिलकर पेड़ लगायें ।
8 अप्रैल के मैराथन में,
आओ सारे मिलजुलकर दौड़ लगायें ।
पीपल के इस मिशन को,
सफल बनाना है।
माता समान, यह चम्पा नदी
इसको स्वच्छ बनाना है।
हम सब ने ये ठाना है।
चम्पा को बचाना है॥
मृत्यु सैय्या पर पड़ी,
जो भागीरथी थी कभी।
जीवन दायनी ये गंगा,
नाला कहलाने को मजबूर है ये अभी।
इस पुण्य तीर्थ के थी समान ,
हुआ इसका अघोर अन्याय- अपमान ।
हम नगर वासी, अगर अब भी ना जागे ।
तो बड़ी कीमत चुकानी होगी ।
जो अगर, भाग ना लिए तुम,
इस अभियान में,
तो निश्चित ही तुमको पछताना है।
हम सब ने ये ठाना है।
चम्पा को बचाना है॥
यह चुनौतियों की विषम वेला है,
ना जाने किसने, घृणा का विष घोला है।
आओ भाई ! आओ बहना !
भागलपुर, यह आदर्श नगर
(जिसे आप सब स्मार्ट सिटी कहते हैं )
इसकी विरासत को, ना अब हमें खोना है,
भाईचारे के रंग में हमसबको रंग जाना है।
हम सब ने ये ठाना है,
चम्पा को बचाना है ।।
-अभिषेक कुमार