सोमवार, 29 अगस्त 2016

फिल्मों की बातें-मोहेनजोदरो.



मोहेनजोदरो.इस फिल्म के बारें में उसी वक्त कहना चाह रहा था जब देखा था.release के एक दिन बाद ही. पर फुर्सत मिले तब तो. मुझे तो बहुत अच्छी लगी थी. आपको? बहुत दिनों के बाद कोई ऐसी फिल्म देखने को मिला जो एक अलग दुनिया में ले चले. कुछ ऐसी बातों से रूबरू करें ऐसी फिल्म बहुत कम होती है.इस फिल्म हर एक चीज जैसे- कलाकारों का चयन(हृतिक रोसन, पूजा हेगरे),उनकी अदाकारी, डांस और संवाद बहुत ही सुन्दर था.अगर पूजा हेगरे की जगह की फेमस अभिनेत्री को लिया जाता तो शायद उतना इफेक्टिव नहीं लगता जितना एक नए चेहरे की महत्ता लगती है. नायिका की जो गेटअप है कोउस्तुम है वो काफी ध्यान आकर्षित करता है.फिल्म के संगीत और गाने तो बेहद ही रूमानी है. इनके गीतों में एक तरफ उनके उस समय के शहर का गुणगान है, तो दूसरी तरफ सिन्धु नदी की पूजा प्रार्थना की गई है. और एक रोमांटिक गीत भी है जिसे शब्द(बोल) बड़े प्यारे हैं.

पास आके भी क्यों मौन है तू,

ये तो कह दे मेरी कौन है तू.
बोलते हैं नयन मौन हूँ मैं,
अपने नैनों से सुन कौन हूँ मैं.
लोकेशन और साज सज्जा पर काफी काम किया गया है. दरअसल इस फिल्म के निर्देशक आसुतोष गोवरीकर ने बहुत ही रिसर्च कर एपिक-एडवेंचर रोमांटिक फिल्म का रूप दिया है. ये बहुत बड़ी सफलता है जिसे नीरस dacumantary फिल्म जैसा नहीं होने दिया. पर कमाई में ये फिल्म कोई कीर्तिमान स्थापित नहीं कर पाई. पर मेरा ये मानना है कि सिर्फ पैसे से किसी की गुवात्ता मापना ठीक नहीं.  
ये बड़ी फिल्म है.इसका दायरा विशाल है. और इस फिल्म में ar रहमान ने जो संगीत दिया वो अद्भुत है. किसी भी फिल्म की रूह संगीत होती है बैकग्राउंड म्यूजिक होती है. हमारे डेली लाइफ में यही तो कमी रह जाती है की यहाँ कोई बैकग्राउंड म्यूजिक नहीं होता. खैर,
इस फिल्म की कहानी की बात करें तो एक लाइन में ये एक साहसी युवा सरमन की कहानी है जो एक छोटे से गावं अमरी से मोहनजोदड़ो व्यापार करने जाता है. वहां वह लालची और अत्याचारी शासकों के कुकृत्यों से अवगत होता है, जहाँ वो क्रोधित हो जाता है और लौटने का निर्णय करता है पर वही कुछ वैसा ही होता है जो हर एक फिल्म में होता आया है और होता रहेगा, कहने का मतलब आप समझ ही गए होंगे सरमन को एक सुन्दर सी चानी नामक लड़की से प्यार हो जाता है. और वो इस पाने के लिए मोंजा (वहां का होने वाला शासक और चानी का होने वाला पति) से लड़ता है. उस वक्त कहानी और दिलचस्प मोड़ लेलेती है जब सरमन पता चलता है उसके पूर्वज
मोहनजोदड़ो के शासक थे तो ये लड़ाई और बड़ी हो जाती. पूरी जनता का सरमन प्रतिनिधि बन जाता है और वो इस अत्याचारी शासक से उन्हें मुक्ति दिलने का संकल्प लेता है. वही दूसरी ओर एक और प्राकृतिक आपदा का सन्देश मिल जाता है की जो बांध सिन्धु नदी पर सोने के लालच में बनाई गई है वह ध्वस्त होने वाला है.
फिर पूरा शहर खाली कराया गया, नाव का पुल बना कर सारी जनता की रक्षा हुई पर मोहेंन्जोदारो पूरा शहर सदा के लिए जमींदोज हो गया.इस प्रकार मोहें जोदारो सोशल स्ट्रक्चर और सिस्टम, जजमेंट  और रूल्स प्रथा और परंपरा, आस्था और अन्धविश्वाश, साहस और पराक्रम, प्रकृति और जलवायु के बारें में बात करती है. एक और बात जो मुझे निजी तौर पर आकर्षित करती जो स्वप्न और कल्पना की बातें है.बखूबी देखने को मिली.

अगर आपने देखा है तो बहुत अच्छा और नहीं देखा तो जरुर देखिए. और मेरी बातें आपको कैसी लगी जरुर बताएं. 

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